कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उपयोग किए जा रहे मास्क और हैंड ग्लव्ज प्रशासन की परेशानी का सबब बन सकते हैं। शहर में अमूमन हर शख्स मास्क तो खरीद ही रहा है। दवा विक्रेता, फल, सब्जी और किराना व्यवसायी तथा उनका स्टाफ भी मास्क और ग्लव्ज का इस्तेमाल कर रहे हैं। आमतौर पर लोग सस्ते और यूज एंड थ्रो वाले सामान में यकीन कर रहे हैं। इतना ही नहीं मास्क और ग्लव्ज का उपयोग कर वे कहीं भी फेंक रहे हैं। इससे महामारी सफाई कर्मियों और जानवरों में फैलने का खतरा बढ़ गया है।
जिला प्रशासन ने सोमवार को बैठक कर इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। कलेक्टर ने जनता से भी अपेक्षा की है कि वह मास्क और ग्लव्ज का इस्तेमाल करने के बाद यहां-वहां न फेंके। शहर में इन दिनों जगह-जगह डस्टबीन में और कचरे के आसपास मास्क और ग्लव्ज के टुकड़े पड़े हुए हैं। सफाई कर्मी बगैर मास्क लगाए और ग्लव्ज पहने कचरा उठा रहे हैं। कचरे के ढेर के पास मवेशी और आवारा कुत्ते मंडरा रहे हैं। ऐसे नजारे कई जगह देखने को मिले। पुराने भोपाल स्थित दवा बाजार के शौचालय में तो इस्तेमाल किया हुआ मास्क लटका था।